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खाद्य श्रृंखला: प्रकृति का ऊर्जा प्रवाह (Food Chain: The Flow of Energy in Nature)
प्रकृति एक जटिल और परस्पर जुड़ा हुआ तंत्र है। जीवों की विभिन्न प्रजातियाँ एक-दूसरे पर निर्भर करती हैं, जो एक दूसरे को खाकर जीवित रहती हैं। यह निर्भरता ही खाद्य श्रृंखला का आधार है। खाद्य श्रृंखला जीवों के बीच ऊर्जा स्थानांतरण का एक सरल, रैखिक मॉडल है। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि पारिस्थितिकी तंत्र में कौन किसको खाता है और ऊर्जा कैसे एक जीव से दूसरे जीव में प्रवाहित होती है।
सूर्य: ऊर्जा का स्रोत (The Sun: The Source of Energy)
खाद्य श्रृंखला का आधार सूर्य है। यह तारा पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा का उपयोग खाद्य पदार्थ बनाने के लिए करते हैं। प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (चीनी) और ऑक्सीजन में परिवर्तित कर देते हैं। ग्लूकोज पौधों के लिए भोजन के रूप में कार्य करता है और खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा का प्रवेश द्वार है।
ट्रॉफिक स्तर: ऊर्जा हस्तांतरण का मार्ग (Trophic Levels: The Pathway of Energy Transfer)
खाद्य श्रृंखला में जीवों को उनके खाने के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। ये वर्गीकरण ट्रॉफिक स्तरों के रूप में जाने जाते हैं। खाद्य श्रृंखला में आम तौर पर पाए जाने वाले चार मुख्य ट्रॉफिक स्तर हैं:
- निर्माता (Producers): ये वे जीव हैं जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। निर्माता हमेशा स्वपोषी (autotrophs) होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे भोजन बनाने के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर नहीं होते हैं। जैसा कि पहले बताया गया है, हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से निर्माता के रूप में कार्य करते हैं। कुछ जीवाणु भी हैं जो रासायनिक संश्लेषण नामक प्रक्रिया के माध्यम से अपना भोजन बनाते हैं और निर्माता माने जाते हैं।
- प्रथम उपभोक्ता (Primary Consumers): ये शाकाहारी जीव हैं जो सीधे निर्माताओं को खाते हैं। प्रथम उपभोक्ताओं को ज herbivores (शाकाहारी) के रूप में भी जाना जाता है। उदाहरण के लिए, खरगोश घास खाते हैं, हिरण पत्तियां खाते हैं, और टिड्डियां पत्तियां खाती हैं। ये सभी जीव प्रथम उपभोक्ता हैं।
- द्वितीयक उपभोक्ता (Secondary Consumers): ये मांसाहारी जीव हैं जो प्रथम उपभोक्ताओं को खाते हैं। द्वितीयक उपभोक्ताओं को carnivores (मांसाहारी) के रूप में भी जाना जाता है। उदाहरण के लिए, लोमड़ी खरगोश खाती है, सांप छछुंदर खाता है, और मछली छोटी मछलियों को खाती है। ये सभी जीव द्वितीयक उपभोक्ता हैं।
- तृतीयक उपभोक्ता (Tertiary Consumers): ये शीर्ष परभक्षी (apex predators) होते हैं जो खाद्य श्रृंखला में सबसे ऊंचे स्तर पर होते हैं। ये मांसाहारी जीव द्वितीयक उपभोक्ताओं को खाते हैं। उदाहरण के लिए, बाघ हिरण का शिकार करता है, शिकारा चील खरगोश का शिकार करती है, और बड़ी मछली छोटी मछलियों का शिकार करती है। ये सभी जीव तृतीयक उपभोक्ता हैं।
खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा एकदिशीय मार्ग में प्रवाहित होती है। प्रत्येक ट्रॉफिक स्तर पर ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा के रूप में खो जाता है। यह ऊर्जा दक्षता में कमी के कारण होता है। इसका अर्थ है कि प्रत्येक उपभोक्ता उस ऊर्जा का केवल एक छोटा सा अंश प्राप्त करता है जो उसके द्वारा खाए गए जीव में